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आग बबूला सूर्य |
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आया गर्मी को लिए, आग बबूला
सूर्य
सर्दी को गायब करे, बना विजय का तूर्य
गर्मी का मौसम बहुत, देता दुख की आग
जंगल के जंगल जले, जीव प्राण दें त्याग
गर्मी का सूरज करे, अपनी सीमा पार
लाता अपने संग है, बीमारियाँ हजार
गरम हवा जब-जब चली, झुलसे जीव-जहान
सूरज लगाय आग है, ग्रीष्म बने हैवान
गर्मी ज्यादा जब पड़े, जन होय परेशान
सूखा, अकाल हैं खड़े, खेती बनी श्मशान
लू की सेना को लिए, सूर्य करे बेहाल
शोले दागे आग के, चक्रवात -सा काल
आयी सत्ता सूर्य की, बनी ग्रीष्म सरकार
आँधी, लूएँ हैं बनीं, इसकी साझीदार
जेठ माह की है बड़ी, महिमा अपरम्पार
अमराई में है पके, आमों का संसार
- मंजु गुप्ता
१ मई २०२१ |
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