कोरोना के खौफ से

 

 

कोरोना के खौफ से जीना हुआ हराम
घर में बैठे थक गए कर-करके आराम
कर-करके आराम सभी ऊबे नर-नारी
दहशत में है आज इसी से दुनिया सारी
नहीं किसी को ज्ञात और क्या क्या है होना
वैसे भी कलिकाल साथ में ये कोरोना

काहे का अब काम है, काहे का है क्रोध
कोरोना में हो गया, सबको ही यह बोध
सबको ही यह बोध, मोह माया मद छूटा
मैं हूँ सबसे श्रेष्ठ सभी का यह भ्रम टूटा
सृष्टि सृजन या नष्ट करे प्रभु जब भी चाहे
अगर नहीं ये बात घुसे फिर घर में काहे

कोरोना से डर गया बेचारा इंसान
धरा रह गया विश्व का सारा ही विज्ञान
सारा ही विज्ञान न इसकी बनी दवाई
सकल जगत भयभीत महामारी यह आई
रहना सभी सतर्क वही होगा जो होना
ईश्वर है यदि साथ, करेगा क्या कोरोना

- हरिओम श्रीवास्तव
१ जून २०२०

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