धरती स्वच्छ हुई सारी
स्वच्छ हुआ आकाशकोरोना संकट के कारण
लोग घरों में बंद
मोटर, गाड़ी उद्योगों से
हुआ प्रदूषण मंद
धुआँ निकलना बंद हुआ तो
निर्मल सूर्य प्रकाश
स्वच्छ हुआ पानी नदियों का
खुश हैं सब जल-जीव
डॉल्फिन के सपनों का दरिया
सुन्दर हुआ अतीव
निर्मल जल की धारा बहती
जीने की ले आश
वृक्षों ने चमकाए अपने
हरित भरित परिधान
चिड़ियों ने भी शुरू किया है
फिर से कलरव गान
ठीक हुआ ओजोन परत अब
होगा नहीं विनाश
पर्वत और पठार मगन हैं
खुश मैदानी भाग
उम्र बढ़ी है सबकी जैसे
भाग्य गया है जाग
प्रमुदित पर्यावरण हुआ है
कोई नहीं हताश
- कैलाश झा किंकर
१ जून २०२१
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