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चाय चुस्ती
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चाय चुस्ती है, ऊर्जा है, स्फूर्ति है
चाय ताजगी, सुगंध, स्वास्थ्य की त्रिमूर्ति है
चाय गौरी नहीं मस्तानी है
चाय नशा नहीं, नशीली है
नुक्कड़,स्टाल,होटल ताज में है
चाय देश-विदेश बाजार-हाट में है
वर्ग भेद को इसने नकारा है
बिन चाय न किसी का गुजारा है
अम्बानी, मोदी, टाटा का भी पेय है
असम, दार्जीलिंग, केरल की देय है
चाय काली है, हरी, भूरी है
विश्व सुन्दरी, अपूर्व नूरी है
चाय मिलकर रहने का सलीका है
दूध,पानी,चीनी, आँच का पलीता है
अन्तर्मन में झाँकने का बहाना है
बीते पल जीने का पैमाना है
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मधु संधु
१ जुलाई २०२०
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