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सबसे सुन्दर
चाय है |
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इस जगत में सबसे आला सबसे सुन्दर चाय है
सिर्फ मेरी ही नहीं दुनिया में सबकी राय है
चाहे निर्धन हो या राजा कोई मज़हब ज़ात हो
मेहरबां सब पर है ये, करती न कुछ अन्याय है
घेर लेता जब कभी आलस थकन या सुस्तियाँ
देह में चुस्ती - दुरुस्ती की ही ये पर्याय है
हर जगह उपलब्ध है ये मिलना मुश्किल भी नहीं
रोज़ी रोटी है किसी की, घर की जिससे आय है
कितनी सदियों से ही सब पर राज है इसका ‘शरद’
जो न होगा ख़त्म वर्षो ऐसा ये अध्याय है
- शरद तैलंग
१ जुलाई २०२०
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