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भुट्टों ने रंग जमाया है






 
भुट्टों ने रंग जमाया है
खेत झूम मस्ताया है
किसने नॄत्य सुझाया है
मस्त निमन्त्रण आया है
तुम आ जाना

मिल बैठेंगे बरसातों में
कुछ गा लेंगे, कुछ खा लेंगे
पवन शीत, औ' त्रस्त धूप
दोनों में युद्ध तनाया है
तुम आ जाना

सोने मोती के वस्त्र धार
भूरे मखमल केशों से ढँक
इक हरा दुशाला पहन ओढ़
देखो कैसे शरमाया है
तुम आ जाना

दादू का मल्टीग्रेन यहाँ
बच्चों का कोर्नफ्लेक भी यह
तेरे मेरे सब स्वाद जोड़
कितना स्वादिष्ट बनाया है
तुम आ जाना

कोरोना का, आतंक क्रूर
बच्चे- बूढ़े सब दूर -दूर
भुट्टे का यह अनुरोध प्रबल
हम सबको पास बुलाया है
तुम आ जाना

- मधु संधु
१ सितंबर २०२०

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