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 भुट्टों का उपहार       






 
शीतल रिमझिम बूँद जब देती खूब फुहार
वर्षा ऋतु देती हमें, भुट्टों का उपहार
 
मोती की लड़ियाँ जुड़ीं, हरे आवरण मध्य
घने सुनहरे केश हैं, रूप बना दृष्टव्य

औषधि बन हरते व्यथा, भुट्टे के ये बाल
जोड़ों की हर व्याधि को, करते दूर कमाल

आकर्षित करती हमें, इसकी भुनी सुगंध
नीबू, मिर्ची, नमक से, हो जाता अनुबंध

छिलकों में रखकर इसे, लेते अनुपम स्वाद
सड़क किनारे हों खड़े, समय रहे नहिं याद

भुट्टे के बनते बहुत, स्वाद भरे पकवान
रोटी, हलवा, सब्जियाँ, और कई मिष्ठान

- ज्योतिर्मयी पंत
१ सितंबर २०२०

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