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 सज गये भुट्टे






 

आ गया बरसात का मौसम सुहाना
क्या पता है कब पड़ेगा भीग जाना

देखिए तो सज गये भुट्टे सड़क पर
अब कहाँ संभव स्वंय को रोक पाना

भुन रहे भुट्टे अँगीठी पर फटाफट
चाहते बरसात में सब खूब खाना

खूब रिमझिम बारिशों की है फसल यह
स्वाद सेहत का भरा इसमें खजाना

वक्त बदला आ गये व्यंजन अनेकों
किंतु भुट्टे का सभी को गीत गाना

है बहुत श्रमसाध्य कारोबार इनका
ग्रीष्म वर्षा सब सहन कर तन तपाना

- सुरेन्द्रपाल वैद्य
१ सितंबर २०२०

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