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         आओ आओ बादल

 
 
आओ आओ बादल,
सावन में ऐसे-
मत तरसाओ बादल!

हों ध्वस्त प्रतीक्षाएँ
सबकी पूरी हों- लंबित-सी इच्छाएँ!
आओ आओ बादल मस्त मयूरा हो-
ऐसा गाओ बादल!

हलचल-सी मच जाए
बाँहें फैलाकर- मुस्काता कल आए
आओ आओ बादल प्यासे मरुथल में-
जल बरसाओ बादल

धरती सूखी चटकी
प्यासी हिरनी भी- फिरती भटकी-भटकी
आओ आओ बादल अर्जी अधरों की-
मत ठुकराओ बादल

कुछ पीर पिघल जाएँ,
बंजर धरती में- कुछ अंकुर उग आएँ!
आओ आओ बादल मरते सपनों में-
जीवन लाओ बादल

- डा. रामेश्वर प्रसाद सारस्वत
१ अगस्त २०२४

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