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         बरसात देखो

 
 
आ गयी बरसात देखो
है मिलन की रात देखो
प्रीत के हैं गीत लब पर
दिल मे हैं जज़्बात देखो

खिल उठी देखो धरा भी
अम्बरी जल मे नहा कर
घन भी दीवाने बने हैं
ओस की बूँदें बहा कर
झूमती फूलों की डाली
हँस रहे हैं पात देखो
आ गयी बरसात देखो

आज अरमानों की भी
हलचल नहीं है दिल मे कम
धड़कनें भी बढ़ते-बढ़ते
जाएँ न एकदम से थम
स्वप्न की डोली सजी है
आँख में बारात देखो
आ गयी बरसात देखो

कारे बदरा तुम बरसना
आज पर थम थम के तकना
आएँ जब दिलबर हमारे
जम के फिर तुम भी गरजना
मीत से फिर प्रीत की
मिल जाएगी सौगात देखो
आ गयी बरसात देखो

- मंजू सक्सेना
१ अगस्त २०२४

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