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         बादल

 
 
मै आवारा-सा बादल हूँ
तुम शोख अदा मस्तानी सी
मैं दर-दर फिरता प्यासा-सा
तुम बस मेरी दीवानी सी

मै आसमान का गर्व बना
तुम धरती की हो रानी सी
बरसूँ जब जब सावन बनके
तुम गजल बनो रूहानी सी

मैं पर्वत-सा हूँ अति विशाल
तुम बहती नदी रवानी-सी
मेरा तुमसे गहरा नाता
तुम यादों-बसी कहानी-सी

- अपर्णा गुप्ता
१ अगस्त २०२४

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