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मेघावलियाँ करें प्रवेश |
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सागर तक पहुँचें अब जल्दी,
यह संदेश
सावन आया मेघावलियाँ, करें प्रवेश
प्रकृति, विभिन्न प्राणियों का यह, भू है स्वर्ग
आओ बरसो, हरित करो भू जलद निवेश
पवन चले अब शीतलता के, झौंके संग
छा जाएँ अब श्याम घटाओं से व्योमेश
रातें उमस भरी तड़पाए, दिन में धूप
कृपा नहीं है बदस्तूर है ताप दिनेश
हम निरीह प्राणी हैं भुगतें आज प्रकोप
बने न अब प्रलयंकारी स्थिति, प्रभू जलेश
बाढ़, दरकते पर्वत, आँधी, अतिवृष्टि से
अब है चाह बहे सुख सरिता, हे नीरेश
करो रवाना मेघावलियों को, अब शीघ्र
कहीं न सूखा हो धरती पर, अब लवलेश
- डॉ. गोपाल कृष्ण भट्ट
१ अगस्त २०२४ |
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