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       अहा ठंडा शरबत

 
आहा हाहा ठंढा शरबत
बैठा रग्घू पिला रहा है

सब्ज़ी मंडी के
कोने में सजी हुई उसकी दुकान
काला नमक पुदीना नीबू जलजीरे का हर सामान
बर्फ डालकर एक लोटे में लिए मथानी
मिला रहा है

मट्ठे की डिमांड
है भारी तरबूज़ा-खरबूज़ा झूमें
ककड़ी-खीरा पी-पी पानी गर्मी पे सवार हो घूमें
बेल चढ़ा महँगाई रथ पर बना मूल्य का
किला रहा है

भुने चने जौ
के सत्तू ने पानी से अनुबंध किए
बाँट रहा रग्घू शीतलता जोड़ रहा संबंध नए
संबंधों में पना आम का सौंफ़ मिला
खिलखिला रहा है

पिए शिकंजी
झूम रही है रूह भरी दोपहर की
अम्मा मना रहीं कर जोड़े साँझ को आना दिनकर जी
दिन में प्रिय आगमन तुम्हारा घर-बाहर सब
हिला रहा है

- जिज्ञासा सिंह
१ जून २०२४

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