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शरबत तो शरबत है |
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मैंने पिए है शरबत
अपने शहर के
पुराने बाजार की पुश्तैनी दुकान से
सब्जी, फल, फूल के, अन्न, जड़ी बूटी के
और
संजोया है- शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक ऊजर्स्विता।
पानी में शरबत... शरबत में बर्फ...नींबू और नमक
उलटन पलटन गिलासों की।
कड़ी दोपहरी में
लौकी, पुदीना, गाजर, आँवला का शरबत
थकान मिटाता है।
बेल, तरबूज, आम, अनानास, फालसा, अनार
का शरबत शक्ति बढ़ाता है।
गुलाब, गुलहड़, खस, चमेली का शरबत
शीतलता देता है, तरोताजा करता है।
बन्कशा, संदल, सौफ, चाँदी वर्क का शरबत
लू से बचाता है।
नुस्खे आयुर्वेदिक हैं, हमदर्द के यूनानी,
मिलेट के आधुनिक।
पर शरबत तो शरबत है-
बोतल बंद या ताजा
प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम,
फाइबर सब को भाता है
जिह्वा सहलाता है
हर मन गुनगुनाता है।
- मधु संधु
१ जून २०२४ |
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