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शर्बत का संसार (दोहे) |
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दूर करे मन-धुँध को, शर्बत का संसार
ठंड दिलाए देह को, सबको इससे प्यार
मॉल दुकानों में सजे, विविध पेय के रूप
पीकर पन्ना आम का, लगे नहीं लू - धूप
ठंडे शर्बत-सी लगे, ढ़लती जीवन शाम
बुरा करें बर्ताव जन, छीन चैन-आराम
ठंडा शरबत दूध का, करता गर्मी शांत
भरता ऊर्जा शक्ति बल, पिए देश हर प्रांत
तेज धूप की रेत में, बरस रहे अंगार
सेकें पापड़ जन यहाँ, पिएँ छाछ आहार
गर्मी से आकुल सभी, मिलते रोग हजार
बेल फालसा पेय मधु, करें रोग उपचार
सॉफ्ट ड्रिंक्स से हानि है करता स्वस्थ खराब
मत पी रेडीमेड रस, लाए रोग जनाब
रस अनार दे फायदा, लौह तत्व का स्रोत
खून बढ़ाए शीघ्र यह, ऊर्जा बल से प्रोत
रस गुलाब सेवन सदा, शीतल रखे शरीर
देता चुस्ती ताजगी, हरता तन की पीर
सत्तू सेहत के लिए, बड़ा फायदेमंद
मीठा औ, नमकीन भी, जन मन का आनंद
शर्बत-सी हो जिंदगी, ठंडाई सम प्यार
मीठे मैंगोशेक-सा, मंजु करें व्यवहार
- डॉ मंजु गुप्ता
१ जून २०२४ |
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