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          काम का शरबत

 
हो नीबू का या खसखस का या कच्चे आम का शरबत
किसी का भी हो शरबत है बड़े ही काम का शरबत

जो शरबत घर में बनता है वो सेहत के लिये अच्छा
मगर बाजार में बिकता है केवल नाम का शरबत

हमेशा पहले जाँचो और शरबत फिर खरीदो तुम
भले बंगाल का हो या हो फिर आसाम का शरबत

न जाओ तुम कभी कीमत पे शरबत के मेरे भाई
जरूरी है नहीं अच्छा हो महँगे दाम का शरबत

मिटाये बेल का शरबत उदर के रोग कितने ही
बढ़ाता बौद्धिक क्षमता को ये बादाम का शरबत

हमारे देश के तो सन्त साधू रोज पीते हैं
कभी घनश्याम का तो वे कभी हरिनाम का शरबत

- राम अवध विश्वकर्मा
१ जून २०२४

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