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ठंडा शर्बत पीने का मौसम आया
 
तपता सूरज फिर गर्मी के दिन लाया
ठंडा शर्बत पीने का मौसम आया

शक्कर, कच्चे आम, पुदीने के पत्ते
आम-पना बनवाने को सब मँगवाया

नींबू की स्वादिष्ट शिकन्जी पीने को
हर इक बंदे का मन देखो ललचाया

सुबह सबेरे घोंट रहे ठंडाई वो
शाम ढली तो गुल का शर्बत घुलवाया

गन्ने के रस की मीठी मधुशालाएँ
इसको पीकर कौन नहीं जो इठलाया

सूरज के सारे मंसूबे ख़ाक हुए
लोगों ने खस घोली शर्बत बनवाया

आज 'अमित' हम भी महफ़िल को लूटेंगे
ठंडे शर्बत का जादू जो चल पाया

- अमित खरे
१ जून २०२४

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