आ तुझे गुझिया खिला दूँ
गाँव से खोया मँगाया
पीसकर चीनी मिलाया
पंच मेवे और केसर
फूल वाला सेंट फ्लेवर
तू कहे तो चंद बूँदें नेह-रस
की भी मिला दूँ
साल भर पर फिर मिलेगी
जिन्दगी यदि साथ देगी
यह मिलन का पर्व प्यारे
मौज कर ले बिन विचारे
काट तू दो-चार झटपट
बाद में काँजी पिला दूँ
पेट गूदेदार है तो
खाल खस्ता है करारी
शुद्ध देशी घी तली है
सुघर हाथों की सँवारी
प्यार की पहली दवा दे
इश्क का मुर्दा जिला दूँ
- उमाप्रसाद लोधी
१ मार्च २०२१
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