पकौड़ी

 
  दौड़ी-दौड़ी
आई पकौड़ी

छुन-छुन छुन-छुन तेल में नाची,
प्लेट में आ शरमाई पकौड़ी।
दौड़ी-दौड़ी
आई पकौड़ी।

हाथ से उछली मुह में पहुँची,
पेट में जा घबराई पकौड़ी।
दौड़ी-दौड़ी
आई पकौड़ी।

मेरे मन को
भाई पकौड़ी।

- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
१ जुलाई २०२४

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