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गरम पकौड़े कटहल वाले |
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आओ बंधु, तलें बारिश में गरम
पकौड़े
कटहल वाले
सूजी, बेसन, मैदे के संग धनिया, लहसुन, मिर्च मसाले
वर्षों याद करे वह भैया एक बार इनको जो खा ले
भीगे-भीगे इस मौसम में सबको करते
हैं मतवाले
जिह्वा को चटकारा देते तेज भूख को ये हर लेते
मिर्च लगे पिलवाते पानी कमी न तन में होने देते
साथ निभाती चाय की प्याली घूँट-घूँट
चटपटे निवाले
बैर भाव को दूर भगाते सभी अतिथि मिलजुल कर खाते
गप्प-सड़ाके, धूम-धड़ाके कविता, गीत, शायरी गाते
घर में रौनक लाने वाले गरम पकौड़े
कटहल वाले
- डॉ मंजुलता श्रीवास्तव
१ जुलाई २०२४ |
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