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अर्चित शीशम
 
बिरले ही मिलते यहाँ अर्चित शीशम तुल्य
समाहित जिनमें रहे हर गुण का बाहुल्य
शब्दों में कैसे कहें
तेरा हम कौशल्य

अभिव्यक्त कैसे करें शीशम का देवत्व
रोग शमन शक्ति है अद्भुत औषध तत्व
नमन शीतल छाँव को
धन्य धन्य मांगल्य

शाख शाख खग आश्रय शीशम बड़ा उदार
दिव्य सुगंधित फूल हैं पथिकों पर उपकार
अद्भुत तेरा रूप है
जय तेरा सारल्य

आसन शय्या चौखट सबका यह आधार
शीशम लकड़ी से बना सज्जित है घर बार
सज्जा में जीवन दिया
मृत्यु बनी बहुमूल्य

देह दान भी कर गया पाकर के निर्वाण
अंतस से सुदृढ़ अति अर्पित जग कल्याण
त्याग न शीशम-सा मिले
धरती पर वैरल्य

- ओम प्रकाश नौटियाल
१ मई २०१९

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