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शिरीष हाइकु
 

१)
गर्मी की ऋतु
ताप बढ़ाये शीश
चैन न आये
२)
रेशम डोरी
नर्म पंखुरी पुष्प
जिया लुभाये
३)
कर साहस
स्थिर नित तापस
योगी शिरीष
४)
देता सन्देश
विषम परिस्थिति
डिगा न पाये
५)
रहता खड़ा
आतप सह लेता
नहीं उदास
६)
स्वागत करे
नित मुस्कुराता
देता उल्लास
७)
नन्हें करों से
विजन है डुलाता
पुष्प शिरीष

८)
शक्ति जितनी
उपकार करता
ये अभिलाष

९)
अति कोमल
रेशम पंखुडियाँ
सहे न भार

१०)
मन मोहक
अलि हों आकर्षित
रंग बहार

११)
आतप-वर्षा
सहन शीश पर
करे सिरस

१२)
छोटी खुशियाँ
लाती जीवन भर
नेह अपार

- ज्योतिरमयी पंत       
 
१५ जून २०
१६

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