द्वापर का इतिहास दिखाई देता है
जब कदम्ब का पेड़ देखता हूँ
कृष्ण कन्हैया पास दिखाई देता है
जब कदम्ब का पेड़ देखता हूँ
इस कदम्ब से जुड़ी हजारों स्मृतियां
गोवर्धन पर्वत गंगा यमुना नदियां
दूध दही माखन घी की मटकी वाली
बृज की गोकुल की वृन्दावन की गलियां
होता पावन रास दिखाई देता है
जब कदम्ब का पेड़ देखता हूँ
इसने देखी मैत्री कृष्ण सुदामा की
और शत्रुता देखी अपने मामा की
देखा है वात्सल्य यशोदा मैया का
प्रीति पावनी देखी राधा श्यामा की
ज्ञानी उद्धव दास दिखाई देता है
जब कदम्ब का पेड़ देखता हूँ
है सुन्दर वरदान वृक्ष यह प्रकृति का
देता है संदेश सदा यह जागृति का
यह कदम्ब है लेकिन केवल पेड़ नहीं
राजदूत भी है भारत की संस्कृति का
श्रृद्धा और विश्वास दिखाई देता है
जब कदम्ब का पेड़ देखता हूँ
--शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
१३ जुलाई २००९ |