पुष्पों की वर्षा करें राधा पर घनश्याम,
छबि कदम्ब के वृक्ष की सुलसित ललित ललाम।
सुलसित ललित ललाम गोप-गोपी हर्षाएँ
ललिता कुसुमा राधाजी मन अति सुख पाएँ।
विव्हल भाव-वश देव दनुज किन्नर नर-नागर,
करें पुष्प वर्षा राधा पर नटवर नागर।पुष्पों की वर्षा
करें, राधा पर घन- श्याम,
छवि कदम्ब के ब्रिक्ष की सुलसित, ललित ललाम।
सुलसित ललित ललाम, गोप गोपी हरषायें,
ललिता, कुसुमा, राधाजी, मन अति सुख पायें।
विह्वल भाववश, देव दनुज किन्नर नर नागर,
करें पुष्प- वर्षा राधा पर, नट्वर- नागर॥
राधाजी के अन्ग को, परसें पुष्प लजायं,
भाव विह्वल हो नमन कर सादर पग गिर जायं
सादर पग गिरि जायं लखि चरण शोभा न्यारी
धन्य धन्य हैं पुष्प श्याम लीला बलिहारी
तरु कदम्ब हरषायं देखि गुन कान्हा जी के
क्रीडा करते श्याम, श्याम संग राधा जी के
--डॉ. श्याम गुप्त
१३ जुलाई २००९ |