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नीम वाला पेड़ |
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गाँव की चौपाल का वो -
नीम वाला पेड़,
सूखा हो गया है
रोज़ बैलों की ठुनकती -
घंटियों का शोर
खेत मिट्टी की वो खुशबू -
सूँघती सी भोर
अब नहीं मिलती, तो प्यासा -
नीम वाला पेड़,
दुख में खो गया है
शाम वो निश्छल भली हुक्के -
चिलम वाली
गोद है चौपाल की उस -
प्यार से खाली
याद कर वो शाम व्याकुल -
नीम वाला पेड़
अक़्सर रो गया है
पेड़ ने मत पूछ कैसे वक़्त-
है काटा
शाम ढलते, जब पसर -
जाता है सन्नाटा
अनमना सा हो रूआँसा -
नीम वाला पेड़,
भूखा सो गया है
- कृष्ण भारतीय
२४ जून २०१६ |
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