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पुष्प कुटज
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श्वेत चाँदनी पंख पसारे
उतरी ज्यों उपवन में
पुष्प कुटज के जीवट लगते
चटके सुन्दर, वन में
श्वेत श्याम सा रूप सलोना
फूल सुगन्धित काया
काला कड़वा नीम चढ़ा है
ग्राही शीतल माया
जड़ें, बीज, छालें सब औषध
व्याधि हरें जीवन में
पुष्प कुटज के जीवट लगते
चटके सुन्दर, वन में
बियावन जंगल के साथी
पर्वत तक छितराये
आग उगलती जेठ धूप में
खिलकर जश्न मनाये
वृक्ष अजेय, जीवनी-ताकत
साधक संजीवन में
पुष्प कुटज के जीवट लगते
चटके सुन्दर, वन में
छोटा द्रुम फूलों से लकदक
अवमानित सा रहता
पाषाणों का वक्ष चीरकर
रस का झरना बहता
चट्टानों को चीर बनाते
ये शिवलोक विजन में
पुष्प कुटज के जीवट लगते
चटके सुन्दर, वन में
- शशि पुरवार
१ जुलाई २०१९ |
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