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औषधि वृक्ष हूँ मैं

 

पुष्प पत्र बीज सुगठित पुष्ट
औषधि वृक्ष हूँ मैं

कलयुगी चिंतन उपेक्षित
कर रहा अस्तित्व मेरा
पर निनादित है धरा पर
अमृतांशी अंश मेरा

इंद्र जौ हूँ या कुटज़ हूँ
आयुर्वेदिक यक्ष हूँ मैं

रोग शापित है मनुजता
दे रहा वरदान अक्षय
वंश वृद्धि हो वनों की
स्वास्थ्य का हो पूर्ण प्रश्रय

कौस्तुभ हूँ चंद्र मणि हूँ
कृष्ण का शुभ वक्ष हूँ मैं

श्वेत आभा पुष्प धारी
शुद्धता मुझमें प्रकंपित
गणपति का मैं जनेऊ
दातार हूँ मैं तो वनस्पति

रक्षता हूँ वनस्थलियाँ
पूर्णिमा का पक्ष हूँ मैं

- रंजना गुप्ता  
१ जुलाई २०१९

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