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श्वेत कुटज के फूल

 

कुटज के फूल
लगते कितने जीवट देखो
श्वेत कुटज के फूल

कालों की संस्कृति यात्रा कर
पहुँचे पास हमारे
मद्धिम-मद्धिम महक लिये ये
लगते कितने प्यारे

कई व्याधियों को करते हैं
खाने पर निर्मूल

शांति, अहिंसा के प्रतीक ये
जंगल के सैलानी
मई-जून में नहीं मानते
गर्मी की मनमानी

हर कठनाई झेल विहँसते
लेते पाप्य वसूल

पाठारों की शोभा इनसे
खिलते वन-उपवन में
यह अपराजित माने जाते
छोटे से जीवन में

पाषाणों को छेद प्रगति पर
बढ़ता इनका मूल

- राहुल शिवाय  
१ जुलाई २०१९

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