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कमल और कीचड़

 
कोई भी कमल
खिला नहीं
कीचड़ में जड़ें समाये बिना

इसी लिए जब जब -
कमल कोई खिलता है
कीचड़ को
रंग और खुशबू का जीवन मिलता है

कमल की परवरिश
करता है कीचड़ इस तरह --
कि -उठ जाता है बहुत ऊँचा कमल

कीचड़ अपने सधे हाथों फिर
कमल की जिंदगी में रंग और खुशबू भरता है
कीचड़ का कमल से यह साफ़ सुथरा रिश्ता है.

--सुरेश यादव
२१ जून २०१०

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