|
हरे बिछौने
सुबह से जागते
तिरे जलज
गुलाबी हुए
सरोवर औ ताल
खिलें कमल
रवि की रश्मि
सरसिज हैं फूले
रंग संगम
पद्म सरोज
दलदल में पले
फिर भी सुन्दर
रंग रूप में
लक्ष्मी और ब्रह्मा में
मिले कमल |
फूल कमल
शोभा बन जाता है
देवी देवों की
आसन बना
कोमल-सा कमल
देवी चरण
सिखा देता है
जीने के सच्चे सूत्र
सौम्य कमल
निर्भीक खडा
दलदल के बीच
पद्म सरोज
व्यथा अपार
लिये खडा कमल
फिर भी खिले
--अरविंद चौहान
२१ जून २०१० |