इक शोख़ इशारा है कचनार के फूलों में
क्या ख़ूब नज़ारा है कचनार के फूलों मेंइस
रंग से आँखों को आबाद करें कैसे
इक सुर्ख़ शरारा है कचनार के फूलों में
रह रह के कोई मंज़र ख़्वाबों में उभरता है
रूमाल तुम्हारा है कचनार के फूलों में
फूलों पे हवाओं ने इक नाम लिखा पढ़ लो
वो नाम तुम्हारा है कचनार के फूलों में
एहसास की ख़ुशबू से हर शाख़ महकती है
ये प्यार तुम्हारा है कचनार के फूलों में
मासूम परिंदों से इक रोज़ कहा माँ ने
संसार हमारा है कचनार के फूलों में
वो चीज़ है क्या जिससे रोशन है जहाँ सारा
चाहत का सितारा है कचनार के फूलों में
देवमणि पांडेय
१६ जून २००८
|