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			 जीवन 
			हमारा फूल हरसिंगार का  | 
		 
		
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						जीवन हमारा  
						फूल हरसिंगार-सा 
						जो खिल रहा है आज, 
						कल झर जायगा ! 
						 
						इसलिए, हर पल विरल 
						परिपूर्ण हो रस-रंग से, 
						मधु-प्यार से ! 
						डोलता अविरल रहे हर उर 
						उमंगों के उमड़ते ज्वार से ! 
						 
						एक दिन, आख़िर, 
						चमकती हर किरण बुझ जायगी... 
						और चारों ओर 
						बस, गहरा अँधेरा छायगा ! 
						 
						मत लगाओ द्वार अधरों के 
						दमकती दूधिया मुसकान पर, 
						हो नहीं प्रतिबंध कोई 
						प्राण-वीणा पर थिरकते 
						ज़िन्दगी के गान पर ! 
						 
						जीवन हमारा  
						फूल हरसिंगार-सा 
						एक दिन उड़ जायगा सब ; 
						फिर न वापस आयगा ! 
						 
						-महेन्द्र भटनागर 
						१८ जून २०१२ | 
					 
				 
			 
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