किस कदर हँस रहे गुलमोहर के वदन
देखिए तो सही
जेठ में ये पहनकर
हरी पत्तियाँ
धूप में खे रहे
छाँव की किश्तियाँ
हैं अनोखे भले गुलमोहर के चलन
देखिए तो सही
लू थपेड़े सहे
आँधियों से लड़े
नेह सागर लिए
जल रहे हैं खड़े
धूप के यज्ञ में गुलमोहर के हवन
देखिए तो सही
कौन है जो जले
फिर हँसे, छाँव दें
दोपहर जेठ की
फूल सा ठाँव दें
त्याग से मन हुए गुलमोहर के मगन
देखिए तो सही
- बृजनाथ श्रीवास्तव
९ अप्रैल २०१८
|