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देवदार है तुम्हें नमन
 

अचलखंड पर खड़े तपस्वी
देवदार है तुम्हें नमन

परती धरती पर लहराते
प्राणवायु का चक्र चलाते
तुम ही साँसों की सरगम हो
तुम्हीं धरा का
हरियल धन
देवदार है तुम्हें नमन

तुम धरती की सौगातों में
तुम पर्वत की सब बातों में
अहा धरा के वीर सिपाही
पहाड़ियों पर
सजे चमन
देवदार है तुम्हें नमन

- डॉ सरस्वती माथुर  
 
१५ मई २०
१६

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