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मोगरा
 


हवा तितली
मोगरे का रस पी
गंध ले उडीl


तुम्हारी यादें
मोगरे के फूलों सी
गुच्छ में बंधी l


मन अकेला
खुशबू के जंगल
बेला का मेला l


खुशबू भरे
मोगरा फूल झरे
रसपगे से l


मोगरा महका
हवाएँ सुरभित
मन बहका l


मन मोगरा
खुशबू भरी हवा
पिया ना संगl


खुशबू धार
अति मनभावन
मोगरा हार l


हवा का जूड़ा
बेला की वेणी बांध
खुशबू देता l


दूधिया रात
मोगरे से करती
मन की बात l

१०
तारों के फूल
नभ बगिया सज़े
मोगरे लगे l

- डॉ सरस्वती माथुर
२२ जून २०१५

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