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कहते इसे बबूल
 
लोग कहते हैं इसे बबूल
दुनिया में बदनाम हुए हैं
हरदम इसके शूल

अपने ऊँचे कद का इसको
तनिक नहीं अभिमान
कहतें हैं कि इसमें रहते
स्वयं विष्णु भगवान
आँधी में भी सदा ही अविचल
रहता निज हित भूल

कीकर के भी नाम से इसकी
जग में है पहचान
आयुर्वेद में इसके गुण का
है भरपूर बखान
सबको मोहित कर लेते हैं
इसके पीले फूल

छाल तना पत्ते और फलियाँ
सब होते गुणकारी
कष्ट रोगियों के हर लेता
है बनकर अवतारी
रोग कई इसके सेवन से
होते नष्ट समूल

मरूभूमि की शोभा है पर
फाँक रहा है धूल
सबको छाँव बराबर देता
करता नहीं है भूल
चाहे सहना पड़े स्वयं को
मौसम भी प्रतिकूल

- रमा प्रवीर वर्मा
१ मई २०२०

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