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मैं बबूल तरु मलंग
 
औषधिमय अंग अंग
मैं बबूल वृक्ष मलंग

बहुत दिलायी अपकीर्ति
तीखे तीखे शूलों ने
पाया त्राण इन्हीं से लेकिन
काँत मखमली फूलों ने
अति रोचक प्रेम प्रसंग
मैं बबूल वृक्ष मलंग

वन मित्रों के संग संग
निर्भीक खड़ा मरुथल मे
भंजन भू का रोक रहा
जा पाये न अधस्तल में
सहता हुआ ताप तरंग
मैं बबूल वृक्ष मलंग

बंजर शुष्क क्षेत्र में भी
सक्षम पोषण पाने में
उपयोगी है सघन काष्ठ
यंत्र अनेक बनाने में
हल हत्थे पहिये पलंग
मैं बबूल वृक्ष मलंग

- ओम प्रकाश नौटियाल
१ मई २०२०

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