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         साधो वृक्ष बबूल

 
विषम परिस्थिति पनपें लेकर
तन पर अनगिन शूल
सभी जगह हैं उगे धरा पर
साधो वृक्ष बबूल

चरक संहिता लिखी महत्ता
अनगिन गुण की खान
गढ़ते वैद्य हकीम कसीदे
खातिर कीकर शान
औषधि वृक्षों में अति उन्नत
इसका है मस्तूल

मैग्नीज व लौह तत्वों का
कीकर अनुपम स्रोत
बिना प्रयत्नों के उग आता
तनिक न माँगे जोत
अंग अंग उपयोगी इसका
जड़ पत्ती संग फूल

इसकी हरी टहनियों से है
बन जाती दातून
दंतपंक्ति सबकी चमकाये
दुलहिन या ख़ातून
मजहब को आधार बनाकर
करता नहीं उदूल

- अनामिका सिंह 'अना'
१ मई २०२०

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