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बोया पेड़ बबूल |
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कीकर भी कहते इसे, दुर्लभ पेड़
बबूल।
औषध की यह खान है, लेकिन चुभते
शूल।।
दांतो की रक्षा करें, कीकर की मृदु छाल।
संजीवन है दर्द की, करती छाल कमाल।।
तत्वों से भरपूर है, कोमल कोमल पात।
गुणकारी यह पेड़ है, कीकर की सौगात।।
शूल भरा यह पेड़ है, कीकर इसका नाम।
पत्ती टहनी गोंद भी, दर्द निवारक काम।।
एक बरस में इक बार, खिलते सुंदर फूल।
पीत दुशाला ओढ़कर, काँटों के प्रतिकूल।।
काटें चुभते पाँव में, बोया पेड़ बबूल।
मिली न सुख की छाँव फिर, केवल चुभते शूल।।
- शशि पुरवार
१ मई २०२० |
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