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ये बबूल होता है
 
ये बात सच है कि इसमें भी शूल होता है,
गुणों की खान मगर ये बबूल होता है।

हो इसकी गोंद, फली, छाल पत्तियाँ कुछ भी,
दवा के रूप में सब कुछ कबूल होता है।

हर इक जगह पे ये उपलब्ध है सरलता से,
बगैर कुछ किए पैसा वसूल होता है।

बहुत हैं आज के युग में दवाएँ जब महँगी,
ये दीन हीन की खुशियों का फूल होता है।

चलो इसे भी सभी पूजना शुरू कर दें
ये उस तरह है कि जैसे रसूल होता है।

- शरद तैलंग
१ मई २०२०

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