अमलतास
अपने सुरभित पीत प्रसून गुच्छ
किसी अनाथ बालिका के जन्म दिवस पर
उपहार स्वरूप दे देना।
अमलतास
अपने बासंती फूलों को सहेज कर रखना
संध्या समय लौटेंगे श्रमिक श्रम से चूर
उनके खुरदरे हाथों में इन्हें थमा देना।
अमलतास
अपनी सौंदर्यमयी सुवासित पंखुरियों को
स्वतंत्रता सेनानियों के स्मृति पथ पर
श्रद्धांजलि स्वरूप बिखरा देना।
अमलतास
उड़ा देना पवन में पांडु रंग पराग
परीक्षा भवन में जाते विद्यार्थियों के माथे पर
केसर तिलक लगा देना।
अमलतास
नव वधू नव देहरी पर रखे जब प्रथम पग
नव दंपति पर आशीर्वाद स्वरूप
प्रसन्नचित्त हो पुष्प वृष्टि करना।
अमलतास
रोगों से कृशकाय बूढ़े बापू के हाथों में
शुभकामनाओं की डोर से बाँध
अपने सुगंधित सुमन समर्पित करना।
अमलतास
होने को है दिवस का शेष
अपनी पुष्पित शाखाएँ लहराकर
अस्तगामी सूरज को विदा कहना।
मीना जैन
16 जून 2007 |