अमलतास साँसों की
ऊर्जा, अमलतास प्राणों की गति है
सौरभ का इतिहास यही है
अमलतास बिन बाग अधूरा
संबंधों में भरे प्रेरणा अमलतास बिन राग न
पूरा
पल-पल को करता है स्वर्गिक जीवन में
कर्मठता लाए
अमलतास बिन जीवन की सुंदरता का संभाग न
पूरा
संत्रासों की निष्प्रभता को
अमलतास आनंद सुमति है
अमलतास साँसों की ऊर्जा, अमलतास प्राणों
की गति है
नंदनवन में नहीं उगे पर
करती धरती को नंदनवन
जीवन में उल्लास भरे महकाता है साँसों का
उपवन
खिले खिलाए तन की कलियाँ फले फलवती हो
अभिलाषा
पावस की परिचर्या पावन करता शुभ वसंत का
वंदन
रवि-शशि का है पोष्य यही
नक्षत्रों की पावनतम दुति है
अमलतास साँसों की ऊर्जा अमलतास प्राणों की गति है।
राम
सनेहीलाल शर्मा 'यायावर'
16 जून 2007 |