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सुमन बहुगुणा की तीन कविताएँ


शिक्षा-
वनस्पति विज्ञान में एम एस सी व पीएचडी, कंप्यूटर कोर्स व फ्रेंच भाषा का ज्ञान।

सम्प्रति-
स्वयम का कोचिंग व्यवसाय, संगीत लेखन व बाग़बानी का शौक

ई मेल-
bipskan@yahoo.com

 

चाहत

हसीन दिलकश खयालों के सपने बुनता है दिल
पता नहीं किसके कदमों की आहट सी सुनता है दिल
कभी तो मीठे गीतों की बाँसुरी बजाता
तो कभी किसी के तसव्वुर से गुदगुदाता है दिल
हर वक्त किसी की आवाज़ सुनना चाहता है दिल
दूर गर हो जाए तो उदास हो जाता है दिल
दिन-रात सोते-जागते उठते-बैठते
बस अब तो उसे ही चाहता है दिल


क्यों होता है प्यार

क्या सचमुच पहली नजर में हो जाता है प्यार
या फिर किसी के साथ रहने से उपजता है प्यार
प्यार यानि हंसना, रोना, खोना, पाना
प्यार में मिटना, सहना, सताना, मनाना
कभी इंतज़ार, तो कभी तकरार
प्यार एक नशा, प्यार खुदा
प्यार जिंदगी, प्यार बंदगी
ये आग भी है खेल भी
ये एक खूबसूरत धोखा है छलावा है
किसी के लिए मजा तो किसी के लिए सजा
किसी के जीने का मकसद
किसी के मौत का फरमान
क्यों फंसता है इसमें इंसान
जब सबको मालूम है अंजाम


सपने

सपने सपने सपने- रंगीन हसीन सपने
कुछ खुली आंखों के तो कुछ बंद आँखों में।
बच्चे का सपना कि 
उसे दुनिया भर के खिलौने मिल जाए
जिनसे खेलकर 
उसे सारे जहान की खुशियाँ मिल जाएँ।
मां-बाप का सपना-
बेटा बड़ा हो जाए और कमाकर लाए
पर बेटे का सपना कि वो विदेश में जाकर बस जाए
बेटी का सपना कि कोई राजकुमार आए
और ब्याह कर ले जाए
पर राजकुमार का सपना कि 
कोई मालदार पार्टी मिल जाए
जिसके दिए दहेज से सारा घर भर जाए।
नेता का सपना कि उसकी कुर्सी न छूटने पाए
फिर चाहे पूरा देश गर्त में ही क्यों न चला जाए।
अभिनेता का सपना कि 
उसे एक अदद अवार्ड मिल जाए
जिसे पाकर 
उसकी ज़िंदगी भर की मेहनत सफल हो जाए।
एक मजदूर का सपना कि 
बस दो जून रोटी का जुगाड़ हो जाए
जिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो जाए।
बेरोजगार का सपना कि 
बस एक नौकरी पा जाए
जिससे उसका भी समाज में 
एक स्टेटस बन जाए।
सपने सपने सपने? रंगीन हसीन सपने
कुछ खुली आँखों के तो कुछ बंद आँखों में।

९ सितंबर २००४

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