अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

na[- hvaa
]dIyamaana rcanaakaraoM ko stMBa maoM [sa baar p`stut hO riSma roKa kI kivataeM—

riSma roKa

janma : 15 navambar kao vaaraNasaI maoM
iSaxaa : ema ,e , samaajakaya- va ihMdI¸ pIoeca DIo kaya-xao~ : [laahabaad maoM ihndI kond` Saasana ko Ant-gat Eama klyaaNa saMgazna maoM sahayak klyaaNa p`Saasak ko pd pr kaya-rt. dOinak samaacaar p~ maoM dao khainayaaÐ p`kaiSat. 

pZ,nao ilaKnao ko Aitir@t saMgaIt AaOr pya-Tna maoM Éica

[- maola :
anupriya_1857@rediffmail.com

maaM

jaba duinayaa maoM AaMKoM KaolaI saunaI Pyaar kI maIzI baaolaI
pkD, ko ]MgalaI calanaa saIKa nahIM snaoh kI toro saImaa
haM vaao tuma hI tao qaI Aao maaMÑ

jaIvana ko hr nae maaoD, pr irStao^ ko saMga mauJao jaaoD,kr
jaba tumanao maora saaqa idyaa qaa AaMcala sao mauJao ZaMk ilayaa qaa
haM vaao tuma hI tao qaI Aao maaMÑ

jaba jaba maOM jaIvana sao harI saaocaa CaoDMU duinayaa saarI
tumanao maora isar sahlaakr jaIvana AmaRt mauJao idyaa qaa
haM vaao tuma hI tao qaI Aao maaMÑ

dUr rhUM yaa pasa hMU toro torI AaSaIYaaoM ko Gaoro
sada rah maorI mahkato maanaao caMdna ko ]pvana saa
haM vaao tuma hI tao qaI Aao maaMÑ

9 janavarI 2005

 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter