प्यार है अनमोल
(चार मुक्तक)
प्यार हर सम्बन्ध का आधार है
प्यार से मन को मिला विस्तार है
ज़िन्दगी निःसार है बिन प्यार के
प्यार जीवन का सहज सिंगार है।
प्रेम-पथ की यात्रा अविराम है
सार्थक लेकिन सदा निष्काम है
प्यार का अभिप्राय चंचलता नहीं,
प्यार अविचल साधना का नाम है।
प्यार है अनमोल धन स्वीकार कर
मत कभी इस सत्य से इनकार कर
क्या पता भगवान कब किसको मिले,
बस अभी इंसान से तू प्यार कर।
प्यार अपने ही हृदय का ज्ञान है
प्यार जीवन का अटल विज्ञान है
प्यार को पूजा समझना चाहिए,
प्यार प्रभु का श्रेष्ठतम वरदान है।
१२ अप्रैल २०१० |