गाफिल स्वामी
जन्म-तिथि- २२ जुलाई १९५३ को लालपुर (इगलास)
में।
प्रकाशित कृतियाँ-
पत्र-पत्रिकाओं तथा संकलनों में काव्य -रचनाएँ प्रकाशित। एक कृति 'जय हो भ्रष्टाचार की
'प्रकाशित'।
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देते वृक्ष समीर
(कुण्डलिया)
१
देते छाया और फल, देते वृक्ष समीर
जग,जीवन की वृक्ष हैं, इक सच्ची तस्वीर
एक सच्ची तस्वीर, वृक्ष ही जल बरसाते
वातावरण हमेश, वृक्ष ही शुद्ध बनाते
कह 'ग़ाफ़िल' कविराय, वृक्ष कुछ कभी न लेते
खूब लगाओ वृक्ष, वृक्ष सबको सुख देते
२
माया, ममता, मोह की, मूरख चिंता छोड़
जो होना है, होयगा, कर न किसी की होड़
कर न किसी की होड़, वृथा क्यों दौड़ लगाता
धन औरों का छीन, महल किसको बनबाता
कह 'ग़ाफ़िल ' कविराय, जन्म जब नर का पाया
जप ले प्रभु का नाम,क्षणिक है जग की माया
३
सेवा दुखियों की करो, रखो दीन का ध्यान
वृद्धों का भी कीजिये, यथासमय सम्मान
यथासमय सम्मान, सीख लो परहित करना
नहीं मनुज का धर्म, पेट अपना ही भरना
कह 'ग़ाफ़िल' कविराय, उन्हीं पर खुश हों देवा
जो भी करें सदैव, दींन - दुखियों की सेवा
४
खाओ श्रम करके सदा, करो न खोटे काम
कर कर खोटे काम क्यों, होते हो बदनाम
होते हो बदनाम, सत्य से जोड़ो नाता
जो अच्छा इंसान, जगत उसके गुण गाता
कह 'ग़ाफ़िल ' कविराय, मनुज मन को समझाओ
करो न खोटे काम, सदा श्रम करके खाओ
५
आया है जो जगत में, जाना उसे जरूर
आने जाने का यहां, बना हुआ दस्तूर
बना हुआ दस्तूर, साथ कुछ भी कब जाता
पैदा होते वक्त, न कोई कुछ भी लाता
कह 'ग़ाफ़िल' कविराय, क्षीण जग, माया, काया
रे मन मूरख सोच, जगत में क्यों तू आया
१ जून २०१५ |