देखो नया वर्ष है आया
खुशियों की सौग़ात है लाया
बीते दिन सब भूल-भाल कर
नये वर्ष को करें नमन हम।
नयी सुबह की करें प्रतीक्षा
सिर पर है आ गई परीक्षा
पढ़ने का है मौसम आया
देखो नया वर्ष है आया।
नये-नये संकल्प करें हम
जन-जन के संताप हरे हम
अपना-अपना स्वार्थ छोड़कर
अंधकार के बंध तोड़कर
मिलकर गीत अनोखा गाया
देखो नया वर्ष है आया।
नये वर्ष में पढ़ना-लिखना
फिर चाहे तुम मस्ती करना
करना अपने वादे पूरे
जिससे हम ना रहें अधूरे
छह हो विदा सात है आया
खुशियों की सौग़ात है लाया
देखो नया वर्ष है आया।
कु. मीनू तोमर
कक्षा- 11
1 जनवरी 2007
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खुशियों की बारात सजाए
कभी हँसाए, कभी रुलाए
जीवन का यह चक्र चलाए
नये वर्ष का शुभ दिन आए।
सबके मन से स्वार्थ मिटाए
ऊँच-नीच का भेद भगाए
भाषा की दीवार तोड़कर
संस्कृति की सरिता लहराए
नये वर्ष का शुभ दिन आए।
जीव-जंतु सब मोद मनाएं
पेडों पर अच्छे फल आएं
आपस के मतभेद मिटाकर
मन भारत माँ के गुण गाए
नये वर्ष का शुभ दिन आए।
कु. मोनिका कलोसिया
कक्षा- 11
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