जन्म-
२५ मई १९४६ को कोडुगल्लूर, केरल में।
शिक्षा- अंग्रेज़ी में स्नाताकोत्तर और डॉक्टरेट की उपाधि।
प्रकाशित कृतियाँ-
समकालीन मलयालम कवियों में चर्चित। २० काव्य संग्रह, १६ लेख
संग्रह प्रकाशित। कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी में दो, हिंदी
में पाँच, तमिल में दो, तेलुगु में एक संग्रह प्रकाशित। रूसी,
लाथवियन, क्रोएशियन, फ्रेंच, स्वीडिश, इटालियन और जापानी भाषा
में कविताओं का अनुवाद। विदेशी राज्यों में हुए कविता से
संबंधित कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
पुरस्कार व सम्मान-
केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, मध्यप्रदेश सरकार का श्रीकांत
वर्मा फेलोशिप, ओमान साहित्य पुरस्कार, उल्लूर स्मारक
पुरस्कार, पी. कुंजरामन नायर पुरस्कार और भारतीय भाषा परिषद का
भीलवाड़ा पुरस्कार से सम्मानित।
संप्रति- केंद्र साहित्य अकादमी
के सचिव के रूप में कार्यरत। |
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जय, पराजयम
जगल तोटटूएन्नद शरी तन्ने
पक्क्षे, आराणु जयीचेदु?
झंगलाणु तोटटुवेंकिल
जनंगल जयिकुन्नद एंगने?
निंगल जयीच्चुवेन्नद शरी तन्ने
पक्क्षे, आराणु तोटटदु?
जनंगलाणु जयिच्चेदेंगिल
जनंगल तोल्कुन्नद एंगने?
झंगल जयीच्चालुम निंगल जयीच्चालुम
जनंगल तोटटुवेंकिल
झंगलो निंगलो
जयिकुन्नद एंगने? |
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जय पराजय
यह सही है कि हम हार गए
लेकिन, जीत किसकी हुई?
लोगों की हार हुई तो
लोग कैसे जीत गए?
यह सही है कि तुम जीते
लेकिन, हार किसकी हुई?
लोगों की जीत हुई तो
लोग कैसे हार गए?
जीत हमारी हो या तुम्हारी
लोगों की हार हुई तो
हम या तुम
कैसे जीतते? |