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डा संजीता वर्मा

जन्म- १४ जुलाई १९६६ को भारत के बिहार के दरभंगा जिले में
शिक्षा- हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि।
विद्यावारिधि के लिए शोधरत

कार्यक्षेत्र-
'संजोग' के नाम से हिंदी साहित्य की कविता, कहानी आदि विधाओं में कलम चलाने वाली, संजीता वर्मा के लेखन में नारी मनोभावों का सफल चित्रण पाया जाता है। सुललित शब्दों के चयन से भाषा को प्रवाहमय बनाने में वे माहिर हैं। प्राध्यापन के व्यवसाय से जुड़ी श्रीमती वर्मा रेडियो नेपाल से प्रसारित होने वाले हिंदी समाचार की संपादिका एवं वाचिका के रूप में भी सक्रिय हैं।

संप्रति-
नेपाल की प्रखर हिंदी सेविका के रूप में पहचाने जाने वाली संजीता कुशल संपादक के रूप में भी परिचित हैं।

 

तुम्हारे लिये  

अपने कच्चे अक्षर को
तेरे आव के पास
रखा था पकने के लिए

मालूम क्या था
पकने के बजाय जलकर
यह खाक में मिल जाएगा

इसलिए एक बार फिर
अलविदा करने की कोशिश में
उठे हाथ भर जाते हैं अतीत से

और फिर
जेहन में उभर आते हैं
अच्छे बुरे अनेक जख्म
जिनक दर्दों को सहते हुए
एक बार फिर इस भीड़ में
खो जाने के लिये
निकल पड़ी
बीते दिनों की कड़वाहटों के साथ
जहाँ खोजना तुम्हारे लिये
नामुमकिन नहीं
तो आसान भी नहीं

 

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