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अल्पना सिंह

जन्म- ६ अगस्त १९६७ को गाज़ियाबाद, भारत में।

शिक्षा-
बी.एस-सी. बी.एड. हिन्दी पत्रकारिता एवं रिपोर्टिंग में सर्टिफिकेट कोर्स तथा फ्रेंच भाषा में डिप्लोमा 

कार्यक्षेत्र-
अध्यापन एवं स्वतंत्र लेखन

सम्प्रति-
अलेन, अबूधाबी में सपरिवार निवास।

 

  सुबह

सुबह जब मेरे दरवाज़े पर दस्तक देने
आगे बढ़ती है
कोहरे को छाँटती हुई
तो
उसके कदमों को, दरवाजे से
कुछ फासले पर लगा एक बड़ा पेड़ रोक लेता है
सुबह कोशिश करती है
बढ़ती है
अपने अंगरक्षकों को भेजती है
उनमें से कुछ ही जीतकर
मेरे पास पहुँचते हैं
उससे पूर्ण अहसास नहीं हो पाता
कि
सुबह हो गई है।
और मैं
दरवाजे पर हल्की दस्तक को
हवा का झोंका समझ बंद रहने देती हूँ
अँधेरे में घुटती हुई
करती रहती हूँ
अपने जीवन की सुबह की प्रतीक्षा
और टटोलती रहती हूँ अंधकार में
सुबह का जीवन में अर्थ  

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